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Income Tax Refund Status: आपको अभी तक नहीं मिला ITR रिफंड, कहीं इसके पीछे ये बड़े कारण तो नहीं? फटाफट करें चेक

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Income Tax Refund Status: आपको अभी तक नहीं मिला ITR रिफंड, कहीं इसके पीछे ये बड़े कारण तो नहीं? फटाफट करें चेक

Income Tax Refund Status: बैंकिंग डिटेल्स, आवासीय पता या ईमेल आईडी में कोई भी गड़बड़ी आपके टैक्स रिफंड में देरी का कारण बन सकती है. पिछले कुछ वर्षों में रिफंड प्रोसेसिंग में लगने वाला समय कम हुआ है.

अगर आपने इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) मिलने की उम्मीद से टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल किया था, लेकिन अभी तक रिटर्न नहीं आया है, तो इस देरी के पीछे कई कारण हो सकते हैं. बहुत सी वजहों से इनकम टैक्स रिफंड में देरी होती है. आइए जानें कि देरी के पीछे क्या कारण हो सकते हैं और आप अपने पैसे को ट्रैक करने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं. अगर आपको अपना रिफंड नहीं मिला है, तो सबसे पहले उसका कारण जानें और फिर उस हिसाब से उचित कार्रवाई करें. आईटी डिपार्टमेंट की ओर से आए सभी कम्युनिकेशन पर नजर रखें और यदि वो आपसे एडिशनल इन्फॉर्मेशन या वेरिफिकेशन की मांग करते हैं तो तुरंत वो जानकारी मुहैया कराएं.

इनकम टैक्स रिफंड में देरी की वजह

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को आमतौर पर ITR को प्रोसेस करने में कुछ दिन लगते हैं. अगर आपको अपना ITR फाइल किए हुए काफी समय हो गया है, तो आप ITD वेबसाइट पर जाकर अपने रिफंड का स्टेटस (ITR Refund Status) देख सकते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न प्रोसेस होने के बाद ही रिफंड जारी किया जाता है.

ITR रिफंड एलिजिबिलिटी

आपको इनकम टैक्स रिटर्न के जरिए रिफंड केवल तभी मिलेगा जब आईटी डिपार्टमेंट आपके इनकम टैक्स रिटर्न को प्रोसेस करने पर आपकी पात्रता यानी की एलिजिबिलिटी को वेरीफाई हो जाएगी. एक बार जब आपकी एलिजिबिलिटी कन्फर्म हो जाती है, तो रिफंड आम तौर पर चार हफ्ते के भीतर आपके बैंक अकाउंट में जमा कर दिया जाता है.

बैंक अकाउंट की डिटेल

ITR रिफंड प्रोसेस करने के लिए, आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट होना चाहिए; वरना, रिफंड जारी नहीं किया जाएगा. इसके अलावा, आपके बैंक अकाउंट में रजिस्टर्ड नाम आपके पैन कार्ड की डिटेल से मैच करना चाहिए. रिफंड आपके ITR में मेंशन किए गए बैंक अकाउंट में जमा किया जाता है. अगर अकाउंट की डिटेल्स गलत हैं, तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा.

आपका रिफंड केवल वेलिडेट किए गए बैंक अकाउंट में ही जमा किया जा सकता है. नीचे बताए गए स्टेप्स की मदद से ई-फाइलिंग पोर्टल पर बैंक अकाउंट वैलिडेशन स्टेटस को चेक करें –

स्टेप 1 : सबसे पहले http://incometax.gov.in पर जाएं
स्टेप 2 : अपने क्रेडेंशियल्स के साथ लॉगिन करें
स्टेप 3 : अपनी Profile पर जाएं
स्टेप 4 : यहां My Bank Account पर क्लिक करें
स्टेप 5 : इसके बाद Revalidate या Add Bank Account को चुनें

ITR का ई-वेरिफिकेशन

अपने इनकम टैक्स रिटर्न को ई-वेरीफाई करना ITR फाइल करने के प्रोसेस का एक अनिवार्य कदम है और रिफंड हासिल करने के लिए जरूरी है. आपको अपना ITR फाइल करने के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन प्रोसेस (ITR e-verification) को पूरा करना होगा. इस समय सीमा के भीतर ई-वेरिफिकेशन करने से आपके रिफंड के प्रोसेस में तेजी लाने में मदद मिलती है.

आउटस्टैंडिंग डिमांड

अगर आपके पास पिछले फाइनेंशियल ईयर का कुछ बकाया है, तो आपके इनकम टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है. ऐसे मामलों में, आपके रिफंड का इस्तेमाल उन बकाया अमाउंट को सैटल करने के लिए किया जाएगा. आपको इसकी जानकारी इंटीमेशन नोटिस के जरिए मिल जाएगी.

रिटर्न अंडर स्क्रूटनी

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एक्यूरेसी और कंप्लायंस को वेरीफाई करने के कुछ रिटर्न की स्क्रूटनी यानी जांच कर सकता है. अगर आपका रिटर्न जांच के दायरे में है, तो असेसमेंट पूरा होने तक आपके रिफंड में देरी हो सकती है.

फॉर्म 26AS में मिसमैच

फॉर्म 26AS आपके चुकाए गए सभी टैक्स के कंसोलिडेट स्टेटमेंट के तौर पर काम करता है. अगर आपके रिटर्न में TDS (Tax Deducted at Source) डिटेल और फॉर्म 26AS में मिसमैच है, तो इसकी वजह से रिफंड मिलने में देरी हो सकती है.

तकनीकी समस्याएं

कभी-कभी, सर्वर प्रॉब्लम या बैकलॉग जैसी तकनीकी समस्याओं की वजह से भी रिफंड में देरी हो सकती है. ऐसे मामलों में, क्लेरिफिकेशन के लिए ITD हेल्पलाइन से संपर्क करने की सलाह दी जाती है. आप मदद मांगने के लिए ईमेल भी भेज सकते हैं. अगर फिर भी रिफंड में देरी होती या आपको कुछ समस्याएं आती हैं, तो टैक्स प्रोफेशनल या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लें.

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