Income Tax Saving: वित्त वर्ष का आखिरी महीना आते ही लोग टैक्स बचाने की जद्दोजहत में लग जाते हैं. कई लोग वित्त वर्ष के आखिरी दिनों इन्वेस्टमेंट का जोड़-तोड़ शुरू कर देते हैं. हालांकि, ऐसा करने वाले लोग इनवेस्टमेंट तो कर देते हैं लेकिन उसके असली फायदों से चूक जाते हैं.
Income Tax Saving: वित्त वर्ष का आखिरी महीना आते ही लोग टैक्स बचाने की जद्दोजहद में लग जाते हैं. कई लोग वित्त वर्ष के आखिरी दिनों इन्वेस्टमेंट का जोड़-तोड़ शुरू कर देते हैं. हालांकि, ऐसा करने वाले लोग इन्वेस्टमेंट तो कर देते हैं लेकिन उसके असली फायदों से चूक जाते हैं. जल्दबाजी में निवेश कर आप टैक्स को बचा लेते हैं लेकिन आपको उसके पूरे फायदे नहीं मिल पाते.
दरअसल, कई लोग टैक्स सेविंग के लिए निवेश का सही तरीका नहीं जानते और इस वजह से उन्हें निवेश पर अच्छा फायदा नहीं मिलता. टैक्स बचाने के लिए निवेश का सबसे सिंपल फॉर्मूला ये है कि आप साल में एक बार नहीं बल्कि हर महीने निवेश करें. आप अपने निवेश के प्लान को 12 महीनों में बांट दें. इससे हर महीने पैसे इन्वेस्ट होते रहेंगे और साल के आखिर में एक अच्छा खासा रिटर्न भी जनरेट हो जाएगा.
नए वित्त वर्ष से शुरू करें ये काम
टैक्स बचाने के लिए किए गए निवेश पर यदी आपको अच्छा रिटर्न पाना है तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा. आपको नए वित्त वर्ष यानी अप्रैल 2024 से ही निवेश शुरू कर देना चाहिए. इसके फायदे आपको बेहतर रिटर्न के रूप में साल के अंत में मिलेंगे. यदी आप नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही निवेश शुरू कर देते हैं तो साल के अंत तक उस अमाउंट पर मासिक ब्याज भी जुड़ता है. ऐसे में टैक्स सेविंग लाभ के साथ बेहतरीन रिटर्न भी आपके पोर्टफोलियो में आ जाता है. आइए जानते हैं टैक्स सेविंग के लिए निवेश के कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं…
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF)
वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) टैक्स बचाने का एक सबसे सरल ऑप्शन है. इसमें सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन मिलता है. EPF का प्रबंधन सेंट्रल ट्रस्टी बोर्ड (CBT) करता है. वित्त-वर्ष 2023-24 के दौरान EPF पर ब्याज दर 8.25 फीसदी निर्धारित थी.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
टैक्स सेविंग (Tax Saving) के लिए अधिकतर लोग पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF में भी पैसा लगाते हैं. लेकिन अगर इसमें थोड़ी समझदारी के साथ पैसा लगाया जाए तो शानदार रिटर्न मिल सकता है. इसके लिए PPF में निवेश सालाना नहीं मंथली करें, और हर महीने की 5 तारीख को पैसे जमा करवा दें. इससे उस राशि पर भी आपको ब्याज मिल जाएगा. पीपीएफ अकाउंट में निवेश पर धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये टैक्स डिडक्शन मिलता है. PPF में निवेश के साथ मैच्योरिटी रकम और ब्याज को भी टैक्स फ्री रखा गया है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में निवेश कर सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट ले सकते हैं. यानी 80C के तहत 1.50 लाख रुपये और 80CCD (1B) में निवेश कर अतिरिक्त 50 हजार रुपये का टैक्स लाभ ले सकते हैं. यह सरकारी स्कीम नौकरीपेशा के लिए लॉन्ग टर्म में टैक्स सेविंग के साथ-साथ रिटायरमेंट फंड बनाने में भी मददगार है. इस स्कीम में मंथली निवेश पर शानदार रिटर्न संभव है.
म्यूचुअल फंड
अगर आप टैक्स सेविंग के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना चाहते हैं, तो आप इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में निवेश कर सकते हैं, इसमें आयकर धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलेगा. ELSS पर बेहतर रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग होती है.
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