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ITR Filing: ITR भरते समय जरुर ध्‍यान रखें ये 8 बातें नही तो रिटर्न जाएगा और जुर्माना भी लगेगा, जानिए डिटेल्स

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ITR Filing: इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, करदाताओं के माथे पर शिकन भी बढ़ती जा रही. बहुत से लोग आखिरी समय में आईटीआर भरते हैं और इसी जल्‍दबाजी में उनसे गलतियां हो जाती हैं. आईटीआर भरते समय 8 तरह की गलतियां सबसे ज्‍यादा होती हैं, जिसका ध्‍यान रखना जरूरी है.

ITR Filing: सबसे पहली और जरूरी बात ये है कि आईटीआर फॉर्म भरते समय अपनी पर्सनल डिटेल में कोई गलती नहीं होनी चाहिए. फॉर्म में अपना नाम, पैन, पता और बैंक अकाउंट की डिटेल संभालकर और सही भरें. इस गलती से आपका आईटीआर रिजेक्‍ट भी हो सकता है.

करदाता एक और गलती जो सबसे ज्‍यादा करते हैं, वह है गलत आईटीआर फॉर्म चुनना. अपनी इनकम और निवेश के आधार पर आपको सही आईटीआर फॉर्म चुनना चाहिए. इसमें कोई गलती हुई तो आपका रिटर्न खारिज कर दिया जाएगा. गलत फॉर्म चुना तो आपके ऊपर जुर्माना भी लग सकता है.

कई लोग आईटीआर में अपने इनकम की सही जानकारी नहीं देते हैं. अगर आप भी ऐसी गलती करते हैं, तो सावधान हो जाइये. आईटीआर फॉर्म में सैलरी, ब्‍याज, किराये और निवेश से होने वाली इनकम की पूरी जानकारी दीजिए. अगर इनकम का पूरा ब्‍योरा नहीं दिया तो टैक्‍स चोरी की पेनाल्‍टी लगाने के साथ आईटीआर भी खारिज हो सकता है.

रिटर्न भरते समय यह जरूर देख लीजिए कि आपके नियोक्‍ता ने जो फॉर्म-16 दिया है, उसमें दिखाया गया टीडीएस आपके फॉर्म में लिखे टीडीएस के समान ही है या नहीं. टीडीएस की सही जानकारी नहीं देने पर भी आपके ऊपर जुर्माना लग सकता है.

इनकम टैक्‍स रिटर्न फॉर्म में 80सी, 80डी या 80जी सहित अन्‍य सभी तरह के निवेश की डिटेल देने के साथ इन पर मिलने वाली टैक्‍स छूट की सही जानकारी भी देना होगा. अगर आपने निवेश और टैक्‍स छूट की सही डिटेल नहीं दी तो आपकी कर देनदानी बढ़ सकती है.

आपके आईटीआर फॉर्म में दी गई स्‍टेटमेंट को फॉर्म 26एएस के साथ क्रॉस चेक जरूर करें. इसमें टीडीएस, टैक्‍स भुगतान और इनकम टैक्‍स से जुड़ी अन्‍य जानकारियां भी शामिल होती हैं. लिहाजा आईटीआर फॉर्म को स‍बमिट करने से पहले दोनों फैक्‍ट को मिलाना जरूरी है.

कुछ लोग आईटीआर फॉर्म भरकर अपना काम पूरा समझ लेते हैं. लेकिन, आपको ध्‍यान रखना होगा कि सिर्फ आईटीआर भरना ही काम पूरा नहीं है. इसके बाद आपको इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से सत्‍यापन भी करना होगा. अगर आपने सत्‍यापित यानी वेरिफाई नहीं किया तो आपका आईटीआर रिजेक्‍ट हो सकता है.

आखिरी और सबसे जरूरी बात ये है कि आप अपना आईटीआर तय समय के भीतर ही दाखिल कर दें. अगर अंतिम समय की प्रतीक्षा करते हैं तो जल्‍दबाजी में गलतियों के चांस बढ़ जाते हैं. साथ ही अगर आपको अपना आईटीआर रिवाइज करना पड़ा तो आपके पास समय ही नहीं होगा और फिर जुर्माना भरकर यह काम करना होगा. आईटीआर भरने की डेडलाइन 31 जुलाई, 2024 है.

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