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ITR Filing Without Form 16: बिना फॉर्म-16 के भी कर सकते हैं आईटीआर फाइल, बस अपनाएं ये तरीका

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ITR Filing Without Form-16: बिना फॉर्म-16 के भी भर सकते हैं आईटीआर, बस अपनाएं ये तरीका

ITR Filing Without Form 16: ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी इनकम का स्रोत सैलरी है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म 16 जरूरी है। इसे एंप्लॉयर हर एंप्लॉयीज को इश्यू करता है। हर वित्त वर्ष में 15 जून तक इसे एंप्लॉयीज को इश्यू कर देना जरूरी है। इसमें टैक्सपेयर्स की इनकम और टीडीएस की जानकारी होती है

ITR Filing Without Form 16: इनकम टैक्स रिटर्न (आई़टीआर) भरने की डेडलाइन नजदीक आ रही है। नौकरी करने वाले लोगों के इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म 16 जरूरी है। यह एक टीडीएस सर्टिफिकेट है, जिसे एंप्लॉयर इश्यू करता है। एंप्लॉयर का मतलब उस कंपनी से जहां टैक्सपेयर नौकरी करता है। इसमें सैलरी से होने वाली इनकम और टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) शामिल होते हैं। टीडीएस का पैसा एंप्लॉयर सरकार के पास डिपॉजिट करता है। सवाल है कि क्या फॉर्म 16 के बगैर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया जा सकता है? आइए इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

फॉर्म 16 इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए क्यों जरूरी है?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि फॉर्म 16 से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना आसान हो जाता है। लेकिन, कुछ स्थितियों में इसके बगैर भी रिटर्न फाइल किया जा सकता है। फॉर्म 16 नहीं होने पर आपको दूसरे डॉक्युमेंट्स की मदद लेनी पड़ेगी। इनमें सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट्स और दूसरे फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स शामिल हैं। इसके अलावा सबंधित फाइनेंशियल ईयर के लिए अप्लिकेबल टैक्स रेट्स को वेरिफाय करना जरूरी है।

टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट की पूरी जानकारी जरूरी है

टैक्सपेयर्स के पास टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट के रिकॉर्ड होने चाहिए। ऐसे एक्सपेंसेज पर आपको डिडक्शन क्लेम करना होगा, जिसकी इजाजत इनकम टैक्स एक्ट में है। टैक्स सेविंग्स इनवेस्टमेंट के लिए सेक्शन 80सी की लिस्ट में शामिल इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश की पूरी डिटेल जरूरी है। इनमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) आदि शामिल हैं।

फॉर्म 26एएस से टीडीएस की जानकारी मिल जाएगी

फॉर्म 16 उपलब्ध नहीं होने पर टीडीएस की जानकारी के लिए फॉर्म 26एएस की मदद ले सकते हैं। इसमें टैक्स का पूरा ब्योरा होता है। एंप्लॉयर ने आपकी सैलरी से जितना टैक्स काटा है और सरकार के पास जमा किया है, उसकी पूरी जानकारी इसमें मिल जाएगी। इसे इनकम टैक्स की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। टैक्सपेयर्स आईडी और पासवर्ड के साथ लॉग-इन कर इसे डाउनलोड कर सकता है।

ऐसे भर सकते हैं आईटीआर

  • दरअसल, फॉर्म 16 के बिना भी लोग अपना आईटीआर भर सकते हैं. इसके लिए आप अपनी पे स्लिप, इन्वेस्टमेंट रिकॉर्ड और फॉर्म 26AS का सहारा ले सकते हैं. इसके लिए आपको कई स्टेप फॉलो करने पड़ेंगे
  • सबसे पहले, वित्तीय वर्ष की सभी पे स्लिप और सैलरी स्लिप इकट्ठा कर लें. इनमें आपकी सैलरी, अलाउंस, डिडक्शन जैसी डिटेल होंगी.
  • अब सैलरी स्लिप प्राप्त जानकारी का उपयोग करते हुए, बेसिक सैलरी, अलाउंस, बाउंस आदि नोट कर लें. इसके अलावा, हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), स्टैंडर्ड डिडक्शन और प्रोफेशनल टैक्स जैसी चीजों को भी देख लें.
    आपको अपनी सैलरी से परे आय के किसी भी दूसरे स्रोत, जैसे ब्याज, प्रॉफिट या जहां से भी इनकम आ रही है उसके लिए अपनी बैंक डिटेल देखें. इन सभी को टैक्स वाली सैलरी में शामिल जरूर करें.
  • आखिर में फॉर्म 26AS को वेरीफाई करना जरूरी है. जिसे आयकर विभाग की वेबसाइट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है. फॉर्म 26एएस व्यक्ति के पैन पर काटे गए और जमा किए गए सभी टैक्स की एक कॅल्क्युलेटेड इनकम दिखाता है. आपकी सैलरी डिटेल से फॉर्म 26AS में जो टीडीएस डिटेल है वो एक दूसरे से मेल खानी चाहिए.
  • एक बार रिटर्न दाखिल करने के बाद इसे ई-वेरिफाई करना न भूलें. ई-वेरीफाई के बिना दाखिल किया गया आईटीआर अधूरा होता है. अगर आप बिना इसके आईटीआर फाइल करते हैं तो वह मान्य नहीं होगा.

फॉर्म 16 इश्यू करने के लिए 15 जून है डेडलाइन

एक्सपर्ट्स का कहना है कि एंप्लॉयर के लिए एंप्लॉयीज को फॉर्म 16 इश्यू करना अनिवार्य है। इसके लिए 15 जून की डेडलाइन तय है। इसका मतलब है कि हर एंप्लॉयर के लिए इस तारीख तक फॉर्म 16 जारी करना जरूरी है। कई कंपनियां इस तारीख से पहले ही इसे इश्यू कर देती है। टैक्स के जानकारों का कहना है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म 16 जारी होने का इंतजार कर लेना चाहिए।

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