LIC Policy Surrender Rules:एलआईसी पॉलिसी होल्डर अपनी सुविधा के अनुसार जब चाहें अपनी पॉलिसी को सरेंडर कर सकते हैं. हम आपको इसके नियम के बारे में बता रहे हैं.
LIC Policy Surrender Rules: देश की सबसे बड़ी और पुरानी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपनी पॉलिसी धन वृद्धि (LIC Dhan Viddhi Policy) को वापस लेने का फैसला किया है. यह एक नॉन लिंक्ड, नॉन पार्टिसिपेटिंग और इंडिविजुअल जीवन बीमा पॉलिसी थी. इसमें निवेश करने पर पॉलिसी होल्डर्स को सुरक्षा और सेविंग दोनों का लाभ एक साथ मिल रहा था. अगर किसी व्यक्ति की पॉलिसी होल्डर की पॉलिसी टर्म के दौरान मृत्यु हो जाती तो ऐसा स्थिति में उसके नॉमिनी को गारंटीड रिटर्न का लाभ भी मिलता.
एलआईसी ने पॉलिसी को लिया वापस
भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, एलआईसी की धन वृद्धि पॉलिसी प्लान 869, UIN 512N362V02 को दो फरवरी को लॉन्च किया गया था. इसे 1 अप्रैल, 2024 को वापस ले लिया गया था. इस पॉलिसी में आप 10, 15 और 18 साल तक की अवधि के लिए निवेश कर सकते थे.
इस पॉलिसी को खरीदने की मिनिमम आयु 90 दिन से लेकर 8 साल तक की थी. इसमें प्रवेश की अधिकतम आयु 32 साल से 60 वर्ष के बीच थी. इस पॉलिसी पर लोन की सुविधा भी मिल सकती थी. इस पॉलिसी में आपको 1.25 लाख रुपये मिनिमम सम एश्योर्ड का लाभ मिल रहा था. मगर, एलआईसी ने इस पॉलिसी को बंद कर दिया है. अगर आप इसे सरेंडर करना चाहते हैं तो हम आपको पॉलिसी सरेंडर करने से जुड़े नियमों के बारे में बता रहे हैं.
एलआईसी सरेंडर करने का क्या है नियम
एलआईसी के नियमों के अनुसार, पॉलिसी होल्डर पॉलिसी खरीदने के बाद जब चाहें अपनी जरूरत के अनुसार पॉलिसी को सरेंडर कर सकता है. ऐसा करने पर एलआईसी सरेंडर वैल्यू या स्पेशल सरेंडर वैल्यू का भुगतान करेगी. एलआईसी पहले तीन साल में पॉलिसी सरेंडर करने पर सरेंडर वैल्यू के रूप में सिंगल प्रीमियम का 75 फीसदी राशि का भुगतान करती है.
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