Multigrain Atta: मल्टीग्रेन आटा आज कल हर घर में स्वस्थ के लिए अच्छा ऑप्शन माना जाने लगा है। इसे कई तरह के अनाज को मिक्स करके बनाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह हानिकारक भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि किस बीमारियों से पीड़ित लोगों को मल्टीग्रेन आटा खाने से बचना चाहिए और क्यों?
ग्लूटेन एलर्जी
जिन लोगों को ग्लूटेन एलर्जी होती है उन्हें ग्लूटेन का सेवन करने से एलर्जी और रिएक्शन हो सकते हैं। मल्टीग्रेन आटे में ग्लूटेन अधिक मात्रा में पाया जाता है।
सीलिएक रोग
सीलिएक रोग एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें ग्लूटेन खाने से आंतों की परत खराब हो सकती है। मल्टीग्रेन आटे में गेहूं, जौ, और राई में ग्लूटेन पाया जाता है।
आयरन ओवरलोड
मल्टीग्रेन आटा में आयरन की मात्रा ज्यादा होती है, जो हीमोक्रोमैटोसिस जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक है। इस बीमारी से शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंच सकता है।
फाइबर ओवरलोड
मल्टीग्रेन आटे में फाइबर का काफी मात्रा पाई जाती है, जो डाइजेशन की समस्याएं पैदा कर सकती है। जिन लोगों के पहले से पाचन की दिक्कत है उन्हें पहले से ही सावधानी बरतनी चाहिए।
अन्य एलर्जी
मल्टीग्रेन आटे में कई तरह के अनाज होते हैं, जिससे कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। अगर किसी विशेष अनाज से एलर्जी है, तो मल्टीग्रेन आटा खाने से पहले उसके ग्रेन्स को एक बार चेक कर लेना चाहिए।
थायराइड
छोटे मिलेट्स जैसे बाजरा, कोदो, रागी आदि को थायराइड के मरीजों को खाने के लिए मना किया जाता है।