SBI superhit scheme: अलग-अलग मैच्योरिटी की FDs पर SBI कस्टमर को 3.5 फीसदी से 7 फीसदी तक सालाना ब्याज देता है. SBI की FD स्कीम सीनियर सिटीजन के लिए लॉन्ग टर्म निवेश का अच्छा विकल्प है.
SBI superhit scheme: लंबी अवधि में पैसा डबल करने का सॉलिड ऑप्शन तलाश रहे हैं, तो एफडी (FDs) एक कारगर ऑप्शन है. देश के सबसे बड़े बैंक SBI में भी कस्टमर्स को 7 दिन से लेकर 10 साल तक की FDs की सुविधा मिलती है. अलग-अलग मैच्योरिटी की FDs पर SBI कस्टमर को 3.5 फीसदी से 7 फीसदी तक सालाना ब्याज देता है. SBI की FD स्कीम सीनियर सिटीजन के लिए लॉन्ग टर्म निवेश का अच्छा विकल्प है.
SBI: 7 दिन से 10 साल तक ब्याज दरें
General Public | Senior Citizen | |
Tenors | Interest Rates | Interest Rates |
7 days to 45 days | 3.4% | 4.0% |
46 days to 179 days | 5.5% | 6.0% |
180 days to 210 days | 6.25% | 6.75% |
211 days to less than 1 year | 6.5% | 7.0% |
1 Year to less than 2 years | 6.8% | 7.3% |
2 years to less than 3 years | 7.0% | 7.5% |
3 years to less than 5 years | 6.75% | 7.25% |
5 years and up to 10 years | 6.50% | 7.50%* |
*Including additional premium of 50 bps under ”SBI We-care” deposit scheme.
SBI FDs: कैसे बनेंगे ₹10 लाख के ₹20 लाख
मान लीजिए, रेगुलर कस्टमर SBI में 10 साल की FD में 10 लाख रुपये जमा करता है. SBI FD Calculator के मुताबिक, निवेशक को 6.5 फीसदी सालाना ब्याज दर से मेच्योरिटी पर कुल 19,05,559 रुपये मिलेंगे. इसमें ब्याज से 9,05,559 रुपये की फिक्स्ड इनकम होगी. यानी, आपकी जमा रकम करीब-करीब डबल हो जाएगी.
दूसरी ओर, सीनियर सिटीजन SBI की 10 साल की FD में 10 लाख रुपये जमा करता है. SBI FD Calculator के मुताबिक, सीनियर सिटीजन को 7.5 फीसदी सालाना ब्याज दर से मेच्योरिटी पर कुल 21,02,349 रुपये मिलेंगे. इसमें ब्याज से 21,02,349 रुपये की फिक्स्ड इनकम होगी. यानी, आपकी जमा रकम डबल से ज्यादा हो जाएगी.
SBI FDs: ब्याज से कमाई पर लगेगा टैक्स
बैंक FDs को आमतौर पर सेफ माना जाता है. जोखिम नहीं लेने वाले निवेशकों के लिए यह अच्छा ऑप्शन है. 5 साल की टैक्स सेविंग एफडी पर सेक्शन 80C में टैक्स छूट का लाभ मिलता है. हालांकि, FD से मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है.
इनकम टैक्स नियमों (IT Rules) के मुताबिक, एफडी स्कीम पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) लागू है. यानी, एफडी की मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम आपकी इनकम मानी जाएगी और स्लैब रेट के मुताबिक आपको टैक्स देना होगा. टैक्स डिडक्शन से छूट के लिए जमाकर्ता फॉर्म 15G/15H जमा कर सकता है.
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