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क्यों टीम इंडिया के फाइनल में पहुँचने के बाद भी खुश नहीं सुनील गावस्कर, जानकर चौंके फँस

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Why Gavaskar is not happy even after Team India reached the finals, you were shocked to know this

टीम इंडिया इन दिनों बेहद शानदार फॉर्म में चल रही है और ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में जगह बना ली है. भारत का सामना फाइनल में 9 मार्च को न्यूजीलैंड से होगा. हालांकि पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का मानना ​​है कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में पहुंचने के बावजूद भारत अभी भी 100 प्रतिशत क्षमता से प्रदर्शन नहीं कर रहा है. भारत ने अभी तक ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में खेले गए अपने सभी 4 मैच जीते हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच भी शामिल है.

सुनील गावस्कर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शुभमन गिल पिछले कुछ मैचों में निरंतरता के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सुनील गावस्कर ने यह भी कहा कि भारत के नए बॉल अटैक को पहले 10 ओवरों में अधिक विकेट लेने की जरूरत है.

सुनील गावस्कर ने यह भी महसूस किया कि रन बनाने के फ्लो को कंट्रोल करने के बावजूद भारत को बीच के ओवरों में बहुत अधिक विकेट नहीं मिल रहे हैं. सुनील गावस्कर को लगता है कि अगर भारत इन एरिया में सुधार कर सकता है, तो वे फाइनल जीत सकते हैं.

सुनील गावस्कर ने दुनिया के सामने कमजोरी की खोल दी पोल

सुनील गावस्कर ने कहा, ‘जब आप सलामी बल्लेबाजों को देखते हैं, तो पाते हैं कि उन्होंने भारतीय टीम को वह शुरुआत नहीं दी जिसकी उन्हें उम्मीद थी. मुझे लगता है कि वहां कुछ कमी है. नई गेंद के साथ भी, आप पहले 10 ओवरों में निश्चित रूप से 2 से 3 विकेट लेना चाहते हैं. ऐसा भी नहीं हो रहा है. बीच के ओवरों में, हमें विकेट नहीं मिल रहे, भले ही हमने रनों की गति पर लगाम लगाई हों. इसलिए ये ऐसे एरिया हैं, जहां आप बेहतर होते हैं. आगे बढ़ने और फाइनल जीतने की संभावना उतनी ही बेहतर होती है.’

सुनील गावस्कर ने क्यों कहा फाइनल में 4 स्पिनरों के साथ उतरना चाहिए

सुनील गावस्कर ने यह भी कहा कि भारत को अपनी लाइनअप में कोई बदलाव नहीं करना चाहिए और फाइनल में 4 स्पिनरों के साथ उतरना चाहिए. सुनील गावस्कर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि 4 स्पिनर होंगे. ऐसा होना ही चाहिए.

अब बदलाव क्यों? चक्रवर्ती और कुलदीप के शामिल होने से पता चलता है कि वे कितने प्रभावी हो सकते हैं. साथ ही, विकेट लेने वाली गेंदें सीमित ओवरों के क्रिकेट या खेल के किसी भी प्रारूप में सबसे अच्छी डॉट बॉल होती हैं. इसलिए वे ऐसा करते रहे हैं, इसलिए कोई बदलाव नहीं होना चाहिए.’

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