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ITR Filing 2024: ITR फाइल करते समय न करें ये गलतियां, वरना रिजेक्ट हो जाएगा ITR, जानें डिटेल

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ITR Filing 2024: रिजेक्ट हो सकता है आपका आईटीआर, भरने से पहले ही जान लें किन गलतियों से बचें

ITR Filing 2024: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 (बुधवार) है। इसका मतलब है कि आईटीआर फाइल करने के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है। कम समय में भी आईटीआर फाइल करते समय करदाता को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर फाइलिंग में एक छोटी सी भी गलती हो जाती है तो आईटीआर रिजेक्ट हो सकता है।

ITR Filing 2024: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करते समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। टैक्स एक्सपर्ट भी सलाह देते हैं कि करदाता को सही आईटीआर फॉर्म के साथ बाकी बातों का ध्यान रखना चाहिए। दरअसल, रिटर्न फाइल करते समय कई बार करदाता कुछ गलतियां कर देते हैं जिसकी वजह से उनका आईटीआर रिजेक्ट हो जाता है।

आईटीआर रिजेक्ट हो जाने के बाद करदाता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वह रिटर्न फाइल करने के लिए सीए या टैक्स एक्सपर्ट की कंसल्टेंसी सर्विसेज का मदद लें। अगर आप खुद से रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको जरूर जान लेना चाहिए कि आपको किन गलतियों से बचना चाहिए।

सही फॉर्म चुनें

आईटीआर फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स को सही आईटीआर फॉर्म (ITR-Form) सेलेक्ट करना चाहिए। इसके अलावा उन्हें फॉर्म में कोई भी गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए। जब भी फॉर्म सबमिट करें तो एक-दो बार इसे क्रॉस चेक जरूर करें।

फॉर्म 16 और AIS के डेटा का ध्यान रखें

रिटर्न फाइल करते समय आपको एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और फॉर्म-16 (Form-16) में दिखाए जाने वाले डेटा का ध्यान रखना चाहिए। अगर इन दोनों फॉर्म में डेटा अलग होता है तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अगर कहीं कोई डेटा में अंतर है तो आपको उसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

टाइम से फॉर्म सबमिट करें

कई बार करदाता अंतिम तारीख के दिन आईटीआर फॉर्म सबमिट करते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। यहां तक कि कई बार करदाता आईटीआर फॉर्म भर देते हैं पर सबमिट नहीं करते हैं। इस वजह से भी आईटीआर रिजेक्ट हो जाता है।

सही टैक्स कैलकुलेशन न होना

अगर आईटीआर में टैक्स कैलकुलेशन गलत हो जाता है तो तब भी आईटीआर रिजेक्ट हो सकता है। इस वजह से टैक्सपेयर्स को सही टैक्स कैलकुलेशन जरूर करना चाहिए। टैक्स कैलकुलेशन करते समय करदाता को डिडक्शन, एग्जेम्प्शन और टैक्स रेट का ध्यान रखना चाहिए। अगर इसमें कोई गलती होती है तो टैक्स रिजेक्ट हो सकता है।

आईटीआर वेरिफाई नहीं करना

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरीफाई करना भी बहुत जरूरी है। अगर आईटीआर को ई-वेरीफाई (ITR E-Verify) नहीं किया जाता है तो उसे अमान्य माना जाएगा। आधार से ओटीपी, नेटबैंकिंग, आईटीआर-वी फॉर्म पर हस्ताक्षर करके इसे वेरीफाई किया जा सकता है।

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